खराब म्यूचुअल फंड निवेश से कैसे बचें, कैसे सही फंड का चुनाव करें

निवेश पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई बनाने के लिए म्यूचुअल फंड (Mutual fund) में पैसे लगाना एक बेहतर रणनीति हो सकती है और ऐसा करके आप Long term Financial Target को आसानी से पूरा कर सकते हैं हालांकि आज के समय में म्यूचुअल फंड में निवेश के कई ऑप्शन मौजूद हैं उनमें से अपने लिए बेस्ट Mutual fund स्कीम को चुनना चुनौती भरा हो सकता है  बेस्ट म्यूचुअल फंड स्कीम को चुनने से पहले किन अहम बातों पर गौर करना चाहिए यहां उसके बारे में जानकारी दी गई है. यहां बताए गए पहलुओं को समझ लेने के बाद आप म्यूचुअल फंड निवेश के लिए बेहतर विकल्प को चुन सकते हैं.

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निवेश का मकसद जान लें

Mutual fund स्कीम का रिव्यू करते समय, आपको अपने इनवेस्टमेंट टार्गेट यानी फाइनेंशियल गोल को तय करके ही निवेश की शुरुआत करनी चाहिए. निवेश स्कीम में रिस्क और अपनी रिस्क सहने की क्षमता और Financial target को हासिल करने के लिए आपके पास कितना समय है इन सब पहलुओं पर विचार कर लेने के बाद ही आप उस म्यूचुअल फंड का चुनाव कर सकते हैं जो आपकी जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे बेहतर साबित हो सकता है.

फंड के पिछले रिकार्ड को चेक करें

Investment target को पूरा करने वाली म्यूचुअल फंड स्कीम को चुन लेने के बाद अगला पड़ाव उस स्कीम के परफार्मेंस हिस्ट्री को जानना है. म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने से पहले निवेशक को Selected Scheme के पिछले रिकार्ड को देख लेनी चाहिए निवेशक को ये जान लेना चाहिए कि क्या Selected Mutual Fund ने लगातार लॉन्ग टर्म परफार्मेंस किया है, या क्या इसने पिछले कुछ सालों में शानदार परफार्मेंस के बाद खराब दौर को भी देखा है? यह सब समझना बेहद जरूरी है कि मार्केट के उतार-चढ़ाव के दौरान सेलेक्टेड फंड ने कैसा परफार्म किया है.

सहीं इंडेक्स का चुनाव

म्युचुअल फंडों को भारी रूप में Regulated किया जा सकता है और उनके पुरे पोर्टफोलियो के 25% से अधिक केंद्रित होल्डिंग्स की अनुमति नहीं है. क्योंकि म्यूचुअल फंड अपने विविधीकरण के कारण कम रिटर्न उत्पन्न करते हैं, यह एक निवेशक को बड़े नुकसान से बचाता है, परन्तु कभी कभी यह एक उच्च लाभ कमाने से रोकता भी है. कोई भी स्टॉक के प्रदर्शन की भविष्यवाणी नहीं किया सकता है ऐसे में जिस म्यूचुअल फंड पर निवेश किया जा रहा है उसके Index की जानकारी सबसे प्रमुख है अगर एक ही स्टॉक के बेहतर प्रदर्शन के चलते आप उस म्यूचुअल फंड में अपने सारे पैसे लगाते है तब आप जोखिम उठा रहे हैं.

समय लगाकर म्यूचुअल फंड का चुनाव करें

इसमें कोई शक नहीं है कि म्युचुअल फंड आसान हैं, और सभी के लिए बेहतर है. यदि निवेशक अपने निवेश के प्रदर्शन का analysis करके शेष संपत्तियों और फंडों की स्थिरता के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं, तो म्यूचुअल फंड बड़े रिटर्न ला सकते हैं.

 निवेश के नियमों को पालन करें

म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय सही तौर तरीकों को अपनाना चाहिए. हालांकि, मार्केट की अलग-अलग स्थितियों में फंड मैनेजर संभावित रिटर्न जेनरेट करने के लिए अपनी स्ट्रैटेजी में बदलाव कर सकते हैं. अपना फंड चुनते समय, आपको उस फंड मैनेजर के पास जाना चाहिए जो इनवेस्टमेंट मैंडेट का सख्ती से पालन करता हो. आपको उन फंड मैनेजर से दूरी बनाए रखना चाहिए जो बार-बार अपनी इनवेस्टमेंट स्टाइल में बदलते रहते हैं.

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रिस्क और पोर्टफोलियो की समय-समय पर निगरानी करें

म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले फंड के रिस्क प्रोफाइल को चेक कर लें. हालांकि रिस्क-फ्री इनवेस्टमेंट जैसी कोई चीज नहीं होती है, फिर भी कुछ म्यूचुअल फंड दूसरों की तुलना में कम जोखिम भरे होते हैं. इनवेस्टमेंट टार्गेट और म्यूचुअल फंड रिस्क को जान लेने के बाद फंड में निवेश की शुरूआत करना बेहतर है. इसके अलावा जिस भी आप म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने का फैसला ले रहे हैं उसके पिछले रिकार्ड समेत कई पहलुओं और क्वालिटी के बारे में समझ लेना जरूरी है.

इनवेस्टमेंट लागत

Mutual fund निवेश से जुड़े इनवेस्टमेंट लागत को भी जान लेना चाहिए. कुछ फंड एक्टिव तौर पर मैनेज किए जाते हैं और ऐसे फंड की Investment लागत ज्यादा होती है, जबकि कुछ फंड पैसिव रूप से मैनेज होते है जिन फंड को पैसिव तौर पर मैनेज किया जाता है उनकी फीस भी कम होती है. Mutual fund scheme को मैनेज करने के लिए होने वाले लागत के हिसाब से सक्षम होना चाहिए, अगर किसी फंड को एक्टिव तौर पर मैनेज करने के लिए ज्यादा खर्च आता है, तो संबंधित फंड का परफार्मेंस भी बेहतर होना चाहिए, ऐसा नहीं है तो फिर पैसिव तौर पर मैनेज किए जा रहे फंड ही बेहतर हैं. पिछले कुछ सालों में, बहुत कम ही लार्ज-कैप फंड मैनेजर मार्केट से बेहतर परफार्म कर पाए हैं और सभी फंड कैटेगरी में अल्फा का ट्रेंड घट रहा है.

उच्च व्यय अनुपात

एक निवेश कंपनी, निवेश Portfolio, One Mutual Fund, या एक Exchange Traded fund (ETF) का प्रबंधन करने के लिए निवेशकों से जो राशि लिया जाता है, उसे वार्षिक व्यय अनुपात कहा जाता है जिसमें अनुपात प्रबंधन शुल्क और फंड की operating लागत शामिल होता है। जबकि सक्रिय रूप से प्रबंधित पोर्टफोलियो के लिए एक उचित व्यय अनुपात लगभग 0.5% से 0.75% है, यदि व्यय अनुपात 1.5% से अधिक हो रहा है तो इसे आमतौर पर अधिक उच्च माना जाता है. कम शुल्क के साथ बना म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो निवेशकों को शानदार रिटर्न प्रदान कर सकते हैं.

लागू टैक्स नियमों को जान लें

जैसे ही निवेश के लिए आप म्यूचुअल फंड स्कीम पर रिसर्च करते हैं, तो उसी दौरान ही ये विचार कर लेनी चाहिए कि सेलेक्टेड फंड को लागू टैक्स नियम कैसे प्रभावित कर सकता है. इक्विटी और डेट-ओरिएंटेड फंड्स के लिए होल्डिंग पीरियड और टैक्स कंप्यूटेशंस अलग-अलग हैं और आपके सभी पोर्टफोलियो के लिए सेट-ऑफ उपलब्ध हैं म्यूचुअल फंड का चयन करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. सही म्यूचुअल फंड का चयन करना आसान काम नहीं है, लेकिन ऊपर साझा किए गए पहलुओं पर विचार करके आप सही Mutual fund में निवेश का फैसला ले सकते हैं साथ ही सेलेक्टेड फंड में भरोसे के साथ निवेश भी कर सकते हैं |

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