ELSS फंड इक्विटी फंड होते हैं, जो अपने Corpus का एक बड़ा हिस्सा इक्विटी या इक्विटी संबंधित Instrument में निवेश करते हैं। ELSS फंड को Tax savings Scheme भी कहा जाता है क्योंकि ये आयकर अधिनियम के सेक्शन 80C के तहत 1,50,000 रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम करने की भी पेशकश करते हैं। जैसा कि नाम से संकेत मिलता है, ELSS फंड एक इक्विटी आधारित स्कीम होती है, जिसमें तीन वर्ष की अनिवार्य Lock in अवधि होती है। हाल के वर्षों में कई करदाताओं ने कर छूट का लाभ उठाने के लिए ELSS स्कीम्स का रुख किया है। अगर आप ELSS स्कीम्स में निवेश करते हैं तो आप निवेशित राशि पर 1.50 लाख रुपये तक की सीमा पर टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं। याद रहे तीन वर्ष की अवधि के आखिर में आपको इस स्कीम से जो लाभ मिलेगा, उसे long term capital gain (LTC) माना जाएगा और उस पर 10 प्रतिशत का टैक्स (अगर Profit एक लाख रुपये से अधिक है तो) लगाया जाएगा।
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लॉन्ग टर्म निवेश में बेहतर रिटर्न
जो लोग लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए ये स्कीम काफी अच्छा विकल्प हो सकती है क्योंकि ELSS पर मिलने वाला रिटर्न मार्केट के प्रदर्शन पर निर्भर करता है इसमें लंबे समय तक निवेश करके आप अपने लिए एक बड़ी पूंजी तैयार कर सकते हैं पिछले कुछ समय से इस स्कीम में 14 से 17 फीसदी तक का रिटर्न मिलते देखा गया है|
03 साल का लॉक इन पीरियड
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स में सिर्फ तीन साल का लॉक इन पीरियड होता है, यानी आप तीन साल तक इसमें से पैसा नहीं निकाल सकते है लेकिन इसका कोई मैच्योरिटी टाइम नहीं होता है इसलिए तीन साल के बाद आप कभी भी अपने पैसे को निकाल सकते हैं या फिर स्वेच्छानुसार जब तक चाहें, निवेश जारी रख सकते हैं अगर कोई निवेशक डिविडेंड विकल्प का चयन करता है तो 3 साल के लॉक-इन पीरियड के दौरान भी उसे सालाना आधार पर डिविडेंड का लाभ मिलेगा|
टैक्स की छूट
ELSS स्कीम्स से 3 साल बाद पैसा बाहर निकलने पर टैक्स की सेविंग होती है ELSS पर 1 लाख रुपए तक का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स फ्री रहता है 01 लाख से ज्यादा के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगता है इसके अलावा सेस और सरचार्ज देना होता है वहीं, निवेशक को मिलने वाला डिविडेंड (Dividend) टैक्स-फ्री (Tax Free) रहता है|
ELSS म्युचुअल फंड की विशेषताएं
ELSS म्युचुअल फंड की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं इस प्रकार हैं :-
(a) कुल निवेश योग्य कॉरपस का न्यूनतम 80% इक्विटी या इक्विटी संबंधित इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया जाता है।
(b) इक्विटी में निवेशित फंड डाइवर्सिफाइड तरीकों- सभी मार्केट कैपिटलाइजेशन, थीम्स और सेक्टरों में होता है।
(c) निवेश की कोई न्यूनतम अवधि नहीं है। बहरहाल, लॉक-इन अवधि तीन वर्षों की होती है।
(d) निवेशित राशि पर टैक्स डिडक्शन का फायदा आयकर अधिनियम के सेक्शन 80C के तहत मिलता है।
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ELSS कैलकुलेटर क्या है?
म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उस रिटर्न/ लाभ को जानना है जो आपको SIP या Lumpsum निवेश से मिलेगा। आपने जो निवेश किया है उससे कितना रिटर्न/ लाभ मिलेगा ये जानने के लिए कैलकुलेटर का उपयोग करें।
ELSS कैलकुलेटर तीन प्रकार के होते हैं:
- SIP ELSS कैलकुलेटर
SIP द्वारा अगर आप एक निश्चित समय के लिए निवेश करते हैं तो इस कैलकुलेटर से मिलने वाले लाभ का अंदाज़ा निकाल सकते हैं। लाभ पता करने के लिए निवेश राशि, समय-सीमा और ब्याज़ दर की जानकारी डालें।
- लम्पसम कैलकुलेटर
SIP कैलकुलेटर की तरह ही, इसके द्वारा आप Lumpsum में किये गए निवेश के लाभ का अंदाज़ा पता लगा सकते हैं। लाभ पता करने के लिए EMI राशि, समयसीमा और ब्याज़ दर की जानकारी डालें।
- SIP पास्ट परफॉरमेंस कैलकुलेटर
SIP past performance कैलकुलेटर किसी भी Mutual fund स्कीम का रिकॉर्ड ट्रैक करता है। यह कैलकुलेटर फण्ड के पिछले रिकॉर्ड के आधार पर उसका भविष्य में क्या प्रदर्शन होगा ये बताता है। हालाँकि, इसकी कोई गारंटी नहीं है कि म्यूचुअल फण्ड का प्रदर्शन भविष्य में वैसे ही रहेगा जैसा पहले रहा है। फिर भी आपको म्यूचुअल फण्ड के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल जाती है। ये जानने के लिए आपको SIP के मैच्योर होने की तारिख, Asset management company (AMC) का नाम और निवेश के जाने वाली राशि की जानकारी कैलकुलेटर में डालनी होगी।
ELSS में निवेश के लाभ
लॉक–इन अवधि
सभी टैक्स बचत निवेश विकल्पों में से ELSS की 3 वर्ष की सबसे छोटी लॉक-इन अवधि है।
ज़्यादा रिटर्न
बाज़ार से सीधे जुङे विकल्प होने के चलते, ELSS अन्य टैक्स-बचत विकल्प जैसे FD, PPF, नेशनल स्कीम सर्टिफिकेट (NSC), आदि से अधिक रिटर्न/ लाभ दे सकता है।
टैक्सेशन
आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत, 1.5 लाख रु. तक की टैक्स छूट प्राप्त करने के अलावा ELSS पर कमाए लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन प्रति वर्ष 1 लाख रुपये तक टैक्स मुक्त है।
S.I.P विकल्प
ELSS एकमात्र टैक्स बचत विकल्प है जो SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट ऑप्शन) के साथ आता है। SIP से निवेशक को पावर ऑफ कंपाउंडिंग का लाभ पाने के साथ न्यूनतम 500 रूपए से निवेश करने में सक्षम बनाता है।
ELSS के टैक्स लाभ
जैसा कि ऊपर बताया गया है, ELSS टैक्स लाभ पाने के लिए एकमात्र फंड है। आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत, 1.5 लाख रु. की सालाना टैक्स छूट होती है। वहीं1 लाख रूपये तक के लॉन्ग-इन कैपिटल गेन टैक्स मुक्त होता है।
ELSS में कितना निवेश करना चाहिए?
ELSS में SIP द्वारा न्यूनतम राशि के साथ शुरूआत की जा सकती है। SIP में न्यूनतम 500 रु. का निवेश किया जा सकता है। हालाँकि, ELSS द्वारा एक साल में 1.5 लाख रु. कमाने पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
ELSS में निवेश कैसे करें?
कोई भी AMC में एक लॉग-इन खाता बना सकता है और सीधे निवेश शुरू कर सकता है। ऐजेंट के माध्यम से भी एक रेग्युलर प्लान में निवेश कर सकते हैं। लेकिन डायरेक्ट प्लान के विपरीत, रिटर्न/ लाभ में से अतिरिक्त कमीशन काटा जाएगा, इसके अलावा एक्सपेंस रेश्यो शुल्क लिया जाएगा।
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